Thursday, December 11, 2025
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भारतीय अस्मिता की संजीवनी श्रीराम कथा विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन शगुन बैंक्विट हाल में 13 दिसम्बर शनिवार को।

 

वाराणसी 10 दिसम्बर: तारक सेवा संस्था वाराणसी अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या तथा वृंदावन शोध संस्थान वृंदावन के संयुक्त तत्वाधान में एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय-भारतीय अस्मिता की संजीवनी श्रीराम कथा के साथ ही सम्मान समारोह का आयोजन दिनांक 13 दिसम्बर 2025 शनिवार को स्वस्तिक सिटी सेंटर शगुन बैंक्विट हाल चतुर्थ मंजिल रथयात्रा में किया गया है।

उक्त बातें तारक सेवा संस्था वाराणसी के सचिव श्रीपति दीक्षित ने गोलघर स्थित पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही।

श्रीपति दीक्षित ने कहा कि पूर्वांन्ह 11 बजे से सायं 5 बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दो सत्र होंगें। प्रथम सत्र यानि उद्घाटन सत्र 11 बजे शुरु होगा जिसके मुख्य अतिथि डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु आयुष खाद्य सुरक्षा एवं औषधी प्रशासन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उत्तर प्रदेश सरकार होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. बल्देव भाई शर्मा पूर्व कुलपति कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ एवं पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय पुस्तक न्यास शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली करेंगे। इसके अलावा कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे।

श्रीपति दीक्षित ने बताया कि कार्यक्रम का दुसरा एवं अंतिम सत्र आनलाइन होगा जिसमें कई देशों से विशिष्ट लोग जुडेंगे। इस सत्र के मुख्य अतिथि अखिलेश मिश्र भारत के राजदूत डबलिन आयरलैंड होंगे। इसके अलावा इस सत्र में अमेरिका म्यांमार चीन, लंदन श्रीलंका नेपाल मलेशिया आदि देशों से वक्ता जुडेंगे।

तारक सेवा संस्था वाराणसी के सचिव श्रीपति दीक्षित ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान दो सम्मान भी दिए जाएंगे। जिसमें पहला सम्मान तन्मय साधक सम्मान 2025 तथा दूसरा सम्मान आचार्य पं.राजपति दीक्षित स्मृति सम्मान है।

सचिव श्रीपति दीक्षित ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य श्रीराम कथा के माध्यम से भारतीय अस्मिता संस्कृति और जीवन मूल्यों का पुन: परिचय कराना है। कहा कि तुलसी वाल्मिकी और अन्य रामकथाओं में भारतीय समाज धर्म और नीति के स्वरुप को समझना है। बताया कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से विशिष्ट अतिविशिष्ट अतिथि काशी आ रहे है।

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